रायपुर। छत्तीसगढ़ की बहुचर्चित आबकारी घोटाले में आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के कुल 39 परिसरों में संपूर्ण दिनभर छापेमारी की कार्यवाही की। यह कार्रवाई प्रकरण के प्रमुख संदेहियों द्वारा अवैध धनराशि के निवेश से जुड़े सुरागों के आधार पर की गई। सुबह से शुरू हुई थी रेड की कार्रवाई सूत्रों के अनुसार, ईओडब्ल्यू की टीमों ने मंगलवार सुबह से ही अलग-अलग ठिकानों पर एक साथ दबिश देना शुरू किया। ये छापे छत्तीसगढ़ व महाराष्ट्र के कई प्रभावशाली कारोबारियों व सहयोगियों के ठिकानों पर मारे गए। अवैध निवेश का बड़ा नेटवर्क उजागर प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि घोटाले से प्राप्त अवैध धनराशि को कई व्यक्तियों के माध्यम से विभिन्न व्यवसायों, अचल संपत्तियों, कीमती धातुओं और अन्य माध्यमों में निवेश किया गया है। यह निवेश सूत्रों से छुपाकर किया गया, जिससे इस पर कानूनी कार्रवाई न हो सके। जब्त सामग्री में शामिल हैं: ₹90 लाख नगद राशि सोना-चांदी व अन्य कीमती धातुएं घोटाले से संबंधित डिजिटल डेटा और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण मोबाइल फोन, लैपटॉप आदि संपत्ति निवेश से जुड़े दस्तावेज और अभिलेख ईओडब्ल्यू ने बताया कि जब्त की गई सामग्री का तकनीकी व दस्तावेजी विश्लेषण किया जा रहा है, जिसके आधार पर आगे की वैधानिक कार्यवाही की जाएगी। ईओडब्ल्यू की ओर से जारी की गई आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि इस कार्रवाई का उद्देश्य अवैध धन के प्रवाह को रोकना, संदेहियों की संलिप्तता को चिन्हित करना और घोटाले की संपूर्ण श्रृंखला को बेनकाब करना है।