करोड़ों की बोलेरो कार बन रही कबाड़, इमरजेंसी सेवा के लिए प्रशासन ने खरीदा था 400 बोलेरो 

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दुर्ग। छत्तीसगढ़ में डायल-112 इमरजेंसी सर्विसेज प्रोजेक्ट के लिए 2023 में खरीदे गए 400 बोलेरो व्हीकल्स रायपुर में CAF (छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल) के अमलेश्वर बटालियन मैदान में पड़े हैं और खराब हो रहे हैं. इस बीच, बीजेपी और कांग्रेस इस मुद्दे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं.पूर्व कांग्रेस सरकार द्वारा 40 करोड़ रुपये में लाए गए इन व्हीकल्स का मकसद राज्य के 34 में से 33 जिलों में इमरजेंसी रिस्पॉन्स कवरेज को बढ़ाना था. यह सर्विस अब तक 11 जिलों में लागू की जा चुकी है. हालांकि, 15 महीने बाद भी व्हीकल्स पड़े हुए हैं और उनका उपयोग नहीं किया जा रहा है. ये व्हीकल्स धूल से ढके हुए हैं, टायर डैमेज हैं, बैटरियां खत्म हो चुकी हैं और तारों में चूहे घुसे हुए हैं. दिसंबर 2023 में बीजेपी सरकार के सत्ता में आने के बाद डायल-112 प्रोजेक्ट के विस्तार का कार्य ठप हो गया था. नए प्रशासन ने ठेका लेने वाली कंपनी को डिफॉल्टर करार देते हुए कांग्रेस सरकार के दौरान जारी किए गए टेंडर को रद्द कर दिया. बीजेपी ने ओरिजिनल टेंडर प्रोसेस में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए कांग्रेस को दोषी ठहराया. बीजेपी प्रवक्ता गोरी शंकर श्रीवास ने दावा किया कि प्रोजेक्ट को शुरू से ही गलत तरीके से संभाला गया, जिसकी वजह से शुरुआती टेंडर को रद्द करना पड़ा।

अभी तक कोई नया टेंडर फाइनल नहीं हुआ है, जिससे व्हीकल्स बेकार पड़े हैं और राज्य के 34 जिलों में से सिर्फ 11 में ही इमरजेंसी सर्विसेज चालू हैं. कांग्रेस नेता धनंजय सिंह ठाकुर ने प्रोजेक्ट को रोकने के लिए बीजेपी को दोषी ठहराया और दावा किया कि फंक्शनल इमरजेंसी सर्विसेज की कमी ने राज्य के बढ़ते क्राइम रेट में योगदान दिया है. धनंजय ठाकुर ने कहा, “बीजेपी सरकार जनता के पैसे बर्बाद कर रही है और लोगों की सुरक्षा की उपेक्षा कर रही है.” हालांकि, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने जनता को आश्वासन दिया कि प्रोजेक्ट को फिर से शुरू करने की कोशिशें चल रही हैं. उन्होंने कहा, “हम टेंडर प्रोसेस पर काम कर रहे हैं, जिसमें 8-10 महीने लग सकते हैं. सर्विस अगले साल 22 जिलों को कवर करेगी.” अपडेटेड प्लान के तहत कंट्रोल रूम ऑपरेशन पर सहयोग के लिए IT फर्मों पर भी विचार किया जा रहा है. हालांकि, कांग्रेस ने देरी के लिए बीजेपी सरकार की आलोचना की है और आरोप लगाया है कि वह सार्वजनिक सुरक्षा को प्राथमिकता देने में फेल रही है।

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