अखिल भारतीय किसान सभा की विस्तारित बैठक गत दिवस 31/अगस्त 2024 को जाँजगीर-चाम्पा के चाम्पा नगर में कामरेड मुकेश वोहरा भवन, (जिला कार्यालय भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी) में बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में कोरबा जिले से कामरेड राम मूर्ति दुबे, कामरेड कमलेश चौहान, कामरेड आनंद सिंह उपस्थित रहे,AI KS के राष्ट्रीय अध्यक्ष कामरेड राजन शिवसागर और मध्य प्रदेश के किसान सभा के साथी कामरेड जनक लाल राठौर मार्ग दर्शन के लिए उपस्थित रहे।
बैठक में राज्य के 5 जिले जाँजगीर चाम्पा, रायपुर, बिलासपुर, कोरबा और सक्ती के 60 साथियों ने भाग लिया, बैठक की शुरुआत दिवंगत साथी अतुल कुमार अंजान A IKS के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव को श्रद्धांजलि देने के साथ हुई, कॉ० निसार अली ने छत्तीसगढ़ी जनगीत गाकर नाचा गम्मत शैली में किसानों से जुड़े समस्याओं पर गम्मत कार्यक्रम प्रस्तुत किया। बैठक की अध्यक्षता चाम्पा नगर के वरिष्ठ साथी कामरेड संतुदास महंत ने किये एवं कार्यक्रम संचालन कामरेड सत्य नारायण कमलेश किये।
राष्ट्रीय अध्यक्ष कामरेड राजन ने उपस्थित समस्त जिलों से आये किसान साथियों से परिचय लेते हुए विस्तार से साथियों के वक्तव्य को सुना और गंभीरता से किसानों से जुड़े मुद्दों पर बात किये, उपस्थित साथियों ने अपने-अपने जिले की समस्याओं को बैठक में रखा। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सबकी बातों को सुनने के बाद किसानों से जुड़े मुद्दों पर देश भर में चल रहे विभिन्न आंदोलनों पर विस्तार से प्रकाश डाला। अखिल भारतीय किसान सभा की निर्माण 1936 से आज तक के किसान हित में किये गये संघर्षों और योगदान को संक्षिप्त में बताया। वर्तमान में देश में चल रहे राजनितिक घटनाक्रमों का किसानो पर पड़ने वालें प्रभावों पर ध्यान आकर्षित किया। साथी ने बताया कि पिछले समस्त सरकारों की तुलना में वर्तमान की मोदी सरकार सबसे ज्यादा किसान विरोधी कार्यों और षड्यंत्रों में संलिप्त रही है। इस सरकार ने किसानों को बर्बाद करने वाले 03 काले कानून लाये जिसे रोकने के लिये देशभर के किसान संगठनों ने जिस में मुख्य राज्य पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और यूपी के किसानों ने आन्दोलन चला कर मोदी सरकार को घुटने पर लाया, इस आन्दोलन में हमारी संगठन्A KS की महत्वपूर्ण भूमिका रही। उन्होंने बताया कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश कमेटी मेंA IKS के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव स्व. कामरेड अतुल कुमार अंजान ने किसानों के पक्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जिस तरह उद्योपतियों के प्रोडक्ट परMRP होता है उसी तरह किसानों के समस्त उत्पाद परMSP (न्यूनत्तम समर्थन मुल्य) की गारंटी होना चाहिए। जिस तरह केन्द्र सरकार ने अपने मित्र उद्योगपतियों के 16 लाख करोड़ रुपयों से अधिक का कर्जा माफ किया उसी तरह देश भर के समस्त किसानों के पूर्ण कर्जा कुछ लाख करोड़ रुपये है उसे माफ करना चाहिए। जिसके लिएAI KS देश भर में हस्ताक्षर अभियान चलाकर कर्जा माफी की मांग करेगी, कृषि उत्पादन के साधनों पर लगने वाले टेक्स को फ्री करने करने की मांग करेगी।
उन्होंने बताया कि मोदी सरकार देश के किसानों को रिटायर करने की साजिश कर किसानों की जल, जंगल, जमीन और खेती को अपने कॉरपोरेट मित्रों को दे कर लुटवा रही है। मोदी सरकार देश की राष्ट्रपति और छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री आदिवासी चेहरा बनाकर आदिवासीयों को ही लुटने का षड़यंत्र कर रही है। छत्तीसगढ़ की हसदेव अरण्य क्षेत्र की लाखों-लाख हरे भरे पेड़ों को काटकर अपने मित्र अढ़ानी समूह को कोयले की खदान देकर हसदेव नदी का स्वरुप को बिगाड़ा जा रहा है यह विकास नही विनाश है और लूटतंत्र की खुली छूट है।
किसान सभा मध्य प्रदेश के साथी कामरेड जनकलाल राठौर ने कहा कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में सिचाई व्यवस्था एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जिसे लेकर हम प्रदेश भर में आन्दोलन चलायेगें उपरोक्त राज्य में आदिवासियों की संख्या अधिक है इनके हक अधिकार के लिए जल, जंगल, जमीन और संस्कृति को बचाने की लड़ाई लड़ेगें। बैठक में उपस्थित विभिन्न साथियों ने अपने विचार रखें और सुझाव दिये।
बैठक में लिए गये निर्णय :
01. सितम्बर-अक्टूबर तक राज्य के सभी जिलों का सम्मेलन और नये ब्रांचों का गठन का कार्य पूर्ण किया जायेगा।
2. 02. छत्तीसगढ़ राज्य का सांगाठनिक सम्मेलन 22 दिसम्बर 2024 दिन रविवार को चाम्पा में होगा। जिसमेंA KS के राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य के प्रतिनिधि चुने जायेगें।
03. सम्मेलन की तैयारी के लिए समन्वये कमेटी 11 सदस्यों का गठन किया गया कामरेड कमलेश को कन्विनर बनाया गया। बैठक में विभिन्न जिलों के साथी कॉ० संतुदास महंत, कॉ० सत्य नारायण कमलेश, कॉ० मुकेश बोहरा, कॉ० केराराम मन्नेवार, कॉ० अनिल शर्मा, कॉ० निसार अली, कॉ० इन्द्रसेन सिंह ठाकुर, कॉ० राजकुमार कौशिक, कॉ० बसंत कुमार साहू, कॉ० देवेन्द्र खांडेकर, कॉ० बजरंग पटेल, कॉ० बिहारी लाल कर्ष, कॉ० रामासिंह गोंड, कॉ० कन्हैया सिंह गोंड़, कॉ० घासीराम गोंड़, धनीराम गोंड़, कॉ० मनोहर सिंह कहरा, कॉ० तिरिथ राम पटेल, कॉ० बालाजी साहू, कॉ० श्याम बिहारी बनाफर, कॉ० कमलेश चौहान, कॉ० राममूति दुबे, कॉ० आनंद सिंह कंवर, कॉ० केडी महंत, कैलाश पटेल, मनमोहनदास मानिकपुरी, रघुनन्दन साहू, ताराचंद साहू, चैतराम वारे, लकेश्वर चौहान, लखन राठौर, रामप्रसाद सिदार, हरि साहू, दशरथ केंवट, सुखसिंह इत्यादि साथीयों की गरिमामयी उपस्थिति रही।