अंबिकापुर। जिले से फर्जी दस्तावेज बनाने का एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है। नगर निगम के पंजीयक (जन्म-मृत्यु) अवधेश कुमार पाण्डेय ने थाना कोतवाली में अज्ञात च्वाईस सेंटरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। आरोप है कि ये सेंटर अवैध तरीके से जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर रहे थे, वह भी फर्जी हस्ताक्षरों के जरिए! इस बड़े घोटाले से नगर निगम की छवि को गहरा धक्का लगा है। नगर निगम को गुप्त सूत्रों से सूचना मिली कि शहर में कुछ च्वाईस सेंटर जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र की अवैध बिक्री कर रहे हैं। शक गहराने पर निगम ने दो प्रमाण पत्रों की जांच की। जब क्यूआर कोड स्कैन किया गया, तो चौंकाने वाला सच सामने आया—ये प्रमाण पत्र पूरी तरह फर्जी थे! निगम की आधिकारिक वेबसाइट पर जब इनका सत्यापन किया गया, तो पाया गया कि ये प्रमाण पत्र कभी जारी ही नहीं किए गए थे। डिजिटल धोखाधड़ी : फर्जी हस्ताक्षरों का खेल – जांच में यह भी खुलासा हुआ कि इन प्रमाण पत्रों पर नगर निगम के पंजीयक के हस्ताक्षर की नकल कर डिजिटल रूप से तैयार किया गया था। यानी यह सिर्फ एक साधारण धोखाधड़ी नहीं, बल्कि पूरी तरह से सुनियोजित साइबर अपराध था। इस घोटाले ने सरकारी दस्तावेजों की सुरक्षा और पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। नगर निगम के पंजीयक अवधेश कुमार पाण्डेय ने मामले की गंभीरता को देखते हुए थाना कोतवाली में लिखित शिकायत दी। पुलिस ने शिकायत के आधार पर अज्ञात च्वाईस सेंटरों के खिलाफ धारा सदर के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही पूरे रैकेट का खुलासा किया जाएगा और दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिलाई जाएगी।