बलरामपुर। जिले के कोतवाली थाना के बाथरूम में एनएचएम के कर्मचारी की लाश के बाद स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी और मृतक के परिजनों ने कोतवाली में हंगामा मचा दिया है. सैकड़ों लोगों की भीड़ ने थाने में पथराव कर दिया, वहीं परिसर में खड़ी गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की। इस स्थिति से निपटने के लिए मौके पर भारी संख्या में पुलिसबल तैनात किया गया है। उपद्रवियों को रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागकर भीड़ को हटाने की कोशिश की लेकिन इसके बावजूद मौके पर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में पूछताछ के लिए थाने बुलाए गए अस्पताल के प्यून ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। प्यून ने फांसी क्यों लगाई? इसका पता नहीं चल सका है। घटना से आक्रोशित लोगों ने थाने के सामने जमकर हंगामा किया, पथराव किया और पुलिस वाहन में भी तोड़फोड़ की।
जानकारी के मुताबिक, बलरामपुर हॉस्पिटल में पदस्थ प्यून गुरुचंद मंडल (30) की पत्नी करीब 20 दिनों से लापता थी। इस मामले में शिकायत बलरामपुर थाने में की गई थी। पत्नी की गुमशुदगी को लेकर बलरामपुर पुलिस ने गुरुचंद मंडल को थाने में कई बार पूछताछ के बुला चुकी थी। गुरुवार को भी पुलिस ने उसे पूछताछ के लिए दोपहर करीब 2 बजे थाने बुलाया था। इसके बाद थाने के बाथरूम में उसने फांसी लगा ली। घटना की जानकारी लगते ही डॉक्टर्स और हॉस्पिटल स्टाफ थाने पहुंच गया और जमकर हंगामा किया। जांच की मांग को लेकर आक्रोशित लोगों ने थाने और एसपी कार्यालय के सामने चक्काजाम कर दिया। कुछ देर में ही आक्रोश इतना बढ़ा कि पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। बलरामपुर अस्पताल में पदस्थ बीपीएम स्मृति एक्का ने बताया कि पुलिस गुरूचंद मंडल को कई दिनों से पूछताछ के लिए बुला रही थी। वह आज थाने पहुंचा था। सवाल यह है कि इतनी संख्या में पुलिसकर्मियों के होते हुए उसने थाने में फांसी कैसे लगा ली? इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। मामले में फिलहाल बलरामपुर के पुलिस अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।